माँ कामाख्या देवी के सम्पूर्ण मंत्र (क्रमबद्ध)
1. कामाख्या बीज मंत्र (मूल मंत्र)
(मंत्र)
॥ क्लीं क्लीं कामाख्या क्लीं क्लीं नमः ॥
अर्थ: आकर्षण और कामना पूर्ति की शक्ति से युक्त माँ कामाख्या को मैं बारम्बार प्रणाम करता हूँ।
विशेषता: यह सबसे सरल, सुरक्षित और सर्व-मनोकामना सिद्ध करने वाला मूल मंत्र है।
2. कामाख्या ध्यान एवं प्रणाम मंत्र
(मंत्र)
कामाख्ये कामसम्पन्ने कामेश्वरि हरप्रिये ।
कामनां देहि मे नित्यं कामेश्वरि नमोऽस्तु ते ॥
अर्थ: हे कामनाओं से परिपूर्ण, इच्छाओं की स्वामिनी, भगवान शिव को प्रिय माँ कामाख्या! मेरी कामनाओं को सदैव पूर्ण करो, हे कामेश्वरी, मैं आपको नमन करता हूँ।
विशेषता: यह मंत्र माँ के दर्शन, पूजा के आरम्भ और अंत में उन्हें प्रणाम करने के लिए विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है।
3. कामाख्या गायत्री मंत्र
(मंत्र)
॥ ॐ कामाख्यायै विद्महे कुलकुसुम्यै धीमहि ।
तन्नो देवी प्रचोदयात् ॥
अर्थ: हम माँ कामाख्या को जानते हैं, हम कुल के फूल (शक्ति) का ध्यान करते हैं, वह देवी हमें सद्बुद्धि के लिए प्रेरित करें।
विशेषता: यह मंत्र बुद्धि, विवेक और आध्यात्मिक ऊर्जा को जाग्रत करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
4. कामाख्या तांत्रिक बीज मंत्र (त्रिबीज)
(मंत्र)
॥ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं कामाख्या स्वाहा ॥
अर्थ: ज्ञान (ऐं), तेज (ह्रीं), धन (श्रीं) और आकर्षण (क्लीं) की शक्ति से युक्त माँ कामाख्या को यह आहुति (स्वाहा) समर्पित है।
विशेषता: यह चारों बीज मंत्रों का तीव्र संयोजन है, जो भोग (सुख) और मोक्ष (मुक्ति) दोनों के लिए प्रयोग होता है।
5. कामाख्या षडाक्षरी मंत्र (सुरक्षा हेतु)
(मंत्र)
॥ क्लीं क्लीं क्लीं हूँ हूँ स्वाहा ॥
अर्थ: तीव्र आकर्षण (क्लीं) और सुरक्षा (हूँ) की शक्ति को समर्पित यह आहुति।
विशेषता: यह मंत्र बुरी नज़र, रोग, बाधा और आकस्मिक संकटों से त्वरित सुरक्षा के लिए तांत्रिक साधना में जपा जाता है।
6. कामाख्या का पंचाक्षरी (गोपनीय) मंत्र
(मंत्र)
॥ श्रीं क्लीं ब्लूँ हूँ हूँ ॥
अर्थ: लक्ष्मी (श्रीं), आकर्षण (क्लीं), मोहन (ब्लूँ) और सुरक्षा (हूँ) बीजों का शक्तिशाली संयोजन।
विशेषता: यह धन, आकर्षण, वशीकरण और सुरक्षा का एक गुप्त बीज संयोजन है, जो आंतरिक शक्ति को तीव्र गति से बढ़ाता है।
7. कामाख्या वशीकरण-मोहन मंत्र (उन्नत)
(मंत्र)
॥ ॐ नमो भगवति कामिनि कामाख्या वशिणी [अमुक] मे वश्यं कुरु कुरु स्वाहा ॥
अर्थ: कामिनी, वशिणी शक्ति से युक्त माँ कामाख्या को नमन, [अमुक] को मेरे वश में करें।
विशेषता: यह मंत्र किसी व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करने या वश में करने के लिए प्रयोग होता है। [अमुक] के स्थान पर व्यक्ति का नाम लिया जाता है।
कामाख्या देवी के शाबर मंत्र
शाबर मंत्रों की भाषा सरल, आम बोलचाल की होती है और ये तत्काल प्रभाव देने वाले माने जाते हैं। इन्हें संस्कृत मंत्रों की तरह कठोर नियमों की आवश्यकता नहीं होती।
8. कामाख्या शाबर वशीकरण मंत्र
(मंत्र)
कामाख्या देस, कामाक्षा देवी । जहाँ बसे इस्माइल जोगी ।
इस्माइल जोगी ने दिया ताली । सात सौ जादू, सात सौ माया ।
जो न माने अमुक, तो माता कामाक्षा की दुहाई । शब्द सांचा, पिंड कांचा, फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ॥
अर्थ: कामाख्या देश में कामाक्षा देवी वास करती हैं, जहाँ इस्माइल जोगी रहते हैं। इस्माइल जोगी ने ताली दी, सात सौ जादू और सात सौ माया काम करे। अगर [अमुक] न माने, तो कामाक्षा माता की कसम है। शब्द सत्य है, शरीर कच्चा है, मंत्र ईश्वर के वचन से पूरा हो।
विशेषता: यह मंत्र प्रेम, विवाह या अन्य किसी उद्देश्य से किसी व्यक्ति को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयोग होता है। **'अमुक'** की जगह उस व्यक्ति का नाम लें।
9. कामाख्या सुरक्षा शाबर मंत्र
(मंत्र)
उलट-पलट काया, न पलटे माया । डाकिनी शाकिनी भूत प्रेत ।
देव दानव बांधी, कामाख्या माई की आन ।
दुहाई कामाख्या की, जो न पलटे, तो नरक में बास ॥
अर्थ: काया पलट जाए, पर माया (बुरी शक्ति) न पलटे। मैं डाकिनी, शाकिनी, भूत और प्रेत को देव-दानव को बाँधता हूँ, कामाख्या माई की कसम देकर। अगर यह न पलटे, तो कामाख्या की दुहाई, नरक में वास हो।
विशेषता: यह मंत्र स्वयं की और अपने स्थान की सुरक्षा, जादू-टोना, भूत-प्रेत और सभी प्रकार की बाधाओं के निवारण के लिए प्रयुक्त होता है।
10. रोग-निवारण शाबर मंत्र
(मंत्र)
तेल तेल महा तेल, कामाख्या देवी का खेल ।
हड्डि मांस चाम में रोग, रोग भगावे कामाख्या का योग ।
न भागे तो नरक जाय, वाचा सिद्ध गुरु की आन ॥
अर्थ: तेल, तेल, महा तेल, यह कामाख्या देवी का चमत्कार है। हड्डी, मांस और त्वचा का रोग, कामाख्या की शक्ति से भाग जाए। यदि न भागे, तो नरक जाए, सिद्ध गुरु की कसम।
विशेषता: यह मंत्र तेल, जल या भस्म को अभिमंत्रित करके रोगी को देने के लिए प्रयोग होता है, जिससे शारीरिक रोगों और पीड़ा से मुक्ति मिले।
चेतावनी और निवेदन
चेतावनी:
शाबर, बीज और तांत्रिक मंत्रों का जाप अत्यंत सावधानी, पवित्रता और एकाग्रता के साथ करना चाहिए। इन मंत्रों का प्रयोग **केवल शुभ कार्य सिद्धि और आत्म-रक्षा** के लिए ही किया जाना चाहिए।
निवेदन:
सामान्य साधकों के लिए केवल सरल और सुरक्षित **"क्लीं क्लीं कामाख्या क्लीं क्लीं नमः"** मंत्र का ही जाप करना चाहिए। अन्य तांत्रिक और शाबर मंत्रों के लिए किसी **योग्य एवं प्रामाणिक गुरु** का मार्गदर्शन लेना अनिवार्य है। गुरु की आज्ञा और सही विधि के बिना इन मंत्रों का प्रयोग करना हानिकारक हो सकता है।